आओ नमन करे
अर्जुन रण में अजय हो गया कृष्ण बने जब सारथी।
आओ नमन करें भारत का चलो उतारें आरती।।
भगत सिंह आजाद राज गुरू मरे देश की शान पर।
जलियां वाले बाग काण्ड मंे हुए समर्पित आन पर।
यही धरा है वीर सपूती माओं के बलिदान की।
खून मुझे दो आजादी लो वीर सुभाष महान की।
इस माटी की गंध अनूठी गाये लोरी भारती।
आओ नमन करें भारत का चलो उतारें आरती।
बांध लंगोटी लाठी थामे राष्ट्र पिता बापू की जय।
सीमा पर जो गोली खाते उन सपूत वीरों की जय।
शस्यश्यामला भूमि राम की ब्रज के रसिया श्याम की।
तुलसी सूर कबीरा गायें महिमा चारों धाम की
सकल विश्व में गूंज उसी की माँ का गौरव चाहती।
आओ नमन करें भारत का चलो उतारें आरती।।