आओ दीपावली कुछ एसे भी मनाएँ
आओ दीपावली कुछ ऐसे भी मनाएं
जलाएं दीप खुशियों के घर अपने जरूर लेकिन मेरे यार,
बस एक दीपक किसी मुफलिस और मजलूम के घर भी जलाएं।
आओ दीपावली कुछ ऐसे भी मनाएं।
बनाएं मिठाइयां और पकवान खूब खाएं और खिलाएं,
बस थोड़ी मिठास बातों में घर के बुजुर्गो पर भी बिखराएं।
आओ दीपावली कुछ ऐसे भी मनाएं।
जलाएं फटाके खूब और आतिशबाजी भी बहुत चलाएं,
बस थोड़ी सी रोशनी से किसी वंचित का घर भी जगमगाएं।
आओ दीपावली कुछ ऐसे भी मनाएं।
कहतें हैं बांटने से आपस में बढ़ती है खुशियां अपार
बस थोड़ी सी खुशियों से अपना आसपास भी महकाएं।
आओ दीपावली कुछ ऐसे भी मनाएं।
प्रभु श्री राम ने रावण वध से दिया जो संदेश जनमानस को,
फिर क्यूँ ना बुराइयों को त्याग कर दूर अपने से भगाएं।
आओ दीपावली कुछ ऐसे भी मनाएं।
आओ दीपावली कुछ ऐसे भी मनाएं।
संजय श्रीवास्तव
बालाघाट (मध्य प्रदेश)