आओ दीपक जलाएं
आओ दीपक एक जलाएं
सुमन,कुसुम से करें अर्चना
आनंद की सरिता बरसायें
दिव्य ज्योत्स्ना फैले चहुँ दिस
सुनीति का मार्ग अपनाएं
संतोष भाव से अलंकृत हो मन
अज्ञान तिमिर को दूर भगाएं
मर्यादा सीमा रेखा से
जगती में उजियारा लाएं
लीन हों सभी ऐक्य भाव से
उम्मीदों के सुमन खिलाएं
आओ साथियों सद्कर्मो से
एक नया आयाम बनाएं
नई रोशनी,नव प्रकाश से
सारी जगती को महकाएं
आओ दीपक एक जलाएं