*”आओ तीज मनाएं”*
“आओ तीज मनाए”
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सावन की अठखेलियां, उमड़ घुमड़ कर बदरा छाये।
भींगा भींगा सा सावन मास ,
रिमझिम सितारों सी चमकती जाए।
वन में मोर पपीहा नाचे ,काली कोयलिया कूके गीत सुनाए।
पुलकित घर आँगन ,रिमझिम फुहारों के संग हरियाली तीज मनाए ।
बाबुल ने संदेश पहुंचाया , भैया बहना को पीहर ले जाने आया।
हाथों में मेहंदी रचा, पांव में पैजनिया लाल महावर सजाए।
चली बेटी पीहर भैया के संग सावन हरियाली तीज मनाए।
अमुआ की डाल पर झूला डाले, झूला झूलने सखियाँ आए।
सावन घटा निराली ,झूला झूलते झूमते मधुर गीत मल्हार गाए।
सघन डाली पर पुष्प खिले, बगिया महके सुंगध फैलाए।
हरियाली तीज शिव पार्वती पूजन कर सोलह श्रृंगार सज धज आए।
पायल बोले झुमका डोले, हरी चूड़ियां कंगना खनकती जाए।
खुशियों से उमंग भरा हर्ष उल्लास , नेह नीर हरित क्रांति लाए।
सावन मास की हरियाली तीज पर सखियों संग झूमते गाते खुशियां मनाए।
आओ चलो हम सभी मिलकर हरियाली तीज त्यौहार मनाए।
शशिकला व्यास ✍️