आओ गाएं प्रेम का गीत
मन उपवन की कुंज गलिन में,
गूंज उठे सुरमय संगीत,
प्रेम पाश में बंधकर हमसब।
आओ गाएं ,प्रेम का गीत।
अपनों को अपनों से जोडें,
भेद परायेपन का छोड़ें।
जैसे छेद मुरली के मिलकर,
छेड़ें एक संग राग पुनीत।
प्रेम पाश में बंधकर हमसब।
आओ गाएं ,प्रेम का गीत।
बहुत हो चुकी करुण पुकार,
बहुत हो चुकी हाहाकार,
पीड़ा के इस कठिन दौर में,
दें सबको,सुख की उम्मीद।,
प्रेम पाश में बंधकर हमसब।
आओ गाएं ,प्रेम का गीत।
आओ ऐसी तान सुनाएं,
गीता के सुर मिलकर गाएं।
हर इंसाँ में जीवन की,
बीत जाए ये दुःख की रीत।
प्रेम पाश में बंधकर हमसब।
आओ गाएं ,प्रेम का गीत।