आओ एक दूजे से कुछ सलाह मशविरा कर लेते है
आओ एक दूजे से कुछ
सलाह मशविरा कर लेते है
तुम हमारे, हम तुम्हारे
गुनाहों को ढक लेते है
एक को दो और
दो को चार पढ़ लेते है
आवाम को खिलौना
समझ लेते है ।
पांच साल तुम पांच साल
की हम शपथ लेते है
मिलकर खाएंगे ऐसा एक दूजे
को वचन लेतेे है ।
अपनी अपनी जेबें हम भर लेते है
आवाम को ऐसी ही ठक लेते है
विकास के गोरख धंधे को
चुनावों में झूठे वादों से हम भी
ढक लेते है ।