आओ अब लौट चलें वह देश ..।
आओ अब लौट चलें वह देश ..।
अपना देश है बड़ा प्यारा,
सुख शांति बसा है प्यार हमारा,
अजनबियों के यहांँ से तो अच्छा है,
अपनों के लिए लुटा दूंँ प्राण सारा ।
आओ अब लौट……………।।१।
मांँ की ममता बसी हो जहांँ पर,
मिट्टी की खुशबू रमी हो जहांँ की,
भय मुक्त रहते खुशहाल हो जहांँ पर ,
वह घर है अपना देश का प्यार है ।
आओ अब लौट……………।।२।
समता संप्रभुता बंधुत्व का भाव जहांँ पर ,
रहते सभी धर्मों की एक साथ यहांँ पर ,
मन में बसा हुआ है संस्कार जहांँ के ,
कैसे न करूंँ सम्मान उस जहांँ का ।
आओ अब लौट……………।।३।
मेरा भारत देश है महान ,
समृद्धि वैभव का विशाल है भंडार ,
प्यार इस मिट्टी के कण-कण में है ,
एहसास का अपनत्व हर जन-जन में है ।
आओ अब लौट……………।।४।
रचनाकार
बुद्ध प्रकाश
मौदहा ज़िला-हमीरपुर ।