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2 May 2024 · 1 min read

आओ अच्छाई अपनाकर

अच्छे विचार अच्छे भावों, को जन्म दिया करते हैं
अच्छे भावों से भरकर हम, सत्कर्म किया करते हैं
बुरे विचार बुरे भावों से , जब हमको भर देते हैं
अवसादित क्रोधित प्रतिशोधित, तब हमको कर देते हैं

बुरे भाव जब भर जाते तब, सद्विचार खो जाते हैं
बुरे विचार हृदय दोलित कर, बुरे भाव उपजाते हैं
अतः ज़रूरी है कि हृदय में, बुरे विचार न आने दें
अच्छे भावों को पोषित कर, अपने को मुसकाने दें

अच्छे भाव हृदय में आते, तब तन रोमांचित होता
बीज खुशी के और प्रेम के, तब मनुष्य प्रतिपल बोता
अच्छे भाव दिलाते हमको, सिद्धि-सफलता सुखदाई
हो जाती अनुकूल परिस्थिति, दिन-दिन बढ़ती अच्छाई

आओ अच्छाई अपनाकर, करें स्वयं को हम गत्वर
सद्विचार, अच्छे भावों से, होता है भविष्य भास्वर
जो चाहते, वही मिल जाता, देता हमको जगदीश्वर
वह दाता, हम सदा गृहीता, बन सकते हैं अवनीश्वर

महेश चन्द्र त्रिपाठी

Language: Hindi
39 Views
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