आई रे दिवाली रे
आई रे दिवाली रे
झूमो नाचो गाओ रे,
खुशियों और उल्लास का यह पर्व
सब मिलकर खुशी-खुशी मनाओ रे।
इस पावन पर्व के अबसर पर
घर हो जाते हैं सुंदर-सुंदर,
घर के कोने कोने में
दीपो की भरमारो से
प्रकाशमय हो जाते आँगन।
दिवाली के दिन हमसब
आँगन में बनाते सुंदर-सी रंगोली
और पटको की बऔछार से,
गली-मौहल्ला गूंज उठ जाते
बच्चों खुशी के मारे झूमझूम कर गाते हैं।
यह पावन पर्व बुराई पर अच्छाई
की है प्रतीक,
दिवाली के दिन जीत की खुशी से
खुशी-खुशी सबलोग जलाते दीप,
आज के दिन संध्या में माँ लक्ष्मी
का होता हैं पूजन और अर्चन।
आई रे दिवाली रे
झूमो नाचो गाओ रे,
खुशी खुशी से दीपोत्सव मनाओ रे
सब मिलकर खुशी खुशी नाचो-गाओ रे।।
राजा कुमार ‘चौरसिया’
सलौना ,बखरी , बेगूसराय