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19 May 2018 · 1 min read

आई आँधी

आई आँधी, आई आँधी
आसमान में बिजली कौंधी।
बिजली हो गई घर की गुल,
खिड़की भी गई सारी खुल।
अम्बिया भी अब पेड़ से झड़ गयी,
पतंग हमारी सर सर उड़ गयी।
आंख में भर गई धूलम धूल,
हवा में हो गयी टोपी गुल।
बादल भी करते हैं शोर,
मेघ में जमकर नाचे मोर।
अब तो सबकी आफत आई,
माँ ने घर की फिर करी सफाई।

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