Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Dec 2022 · 1 min read

आईना

आईना
******
आईने में खुद को देखा
खुद से खुद ही जा मिला
बारीकियां अपनी नज़र आईं मुझे
प्रेम की गगरी छलकती ही रही।
आँखों से किसी के प्रेम ने बंशी बजाई
दिल तो बस इंसान का था,चल चला।
डूबकर सौ सौ गोते भी लगाकर प्रेम में
प्रेम में बस प्रेम के आगोश में
प्रेम चखकर,प्रेम पीकर
प्रेम में उन्मत्त होकर
मैं खड़ा था
प्रेम ने मुझको दिखाया आईने में
प्रेम ने मुझको सजाया आईने में
खुद को मैं खुद से मिलाया आईने में
आईना भी झूमकर यूँ गीत गाया आईने में।
-अनिल कुमार मिश्र

Language: Hindi
183 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*विभाजन-विभीषिका : दस दोहे*
*विभाजन-विभीषिका : दस दोहे*
Ravi Prakash
यह कौन सा विधान हैं?
यह कौन सा विधान हैं?
Vishnu Prasad 'panchotiya'
अब ना होली रंगीन होती है...
अब ना होली रंगीन होती है...
Keshav kishor Kumar
रोम रोम है दर्द का दरिया,किसको हाल सुनाऊं
रोम रोम है दर्द का दरिया,किसको हाल सुनाऊं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मेरा और उसका अब रिश्ता ना पूछो।
मेरा और उसका अब रिश्ता ना पूछो।
शिव प्रताप लोधी
अब समन्दर को सुखाना चाहते हैं लोग
अब समन्दर को सुखाना चाहते हैं लोग
Shivkumar Bilagrami
मां की प्रतिष्ठा
मां की प्रतिष्ठा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
रेस का घोड़ा
रेस का घोड़ा
Naseeb Jinagal Koslia नसीब जीनागल कोसलिया
16, खुश रहना चाहिए
16, खुश रहना चाहिए
Dr Shweta sood
#अज्ञानी_की_कलम
#अज्ञानी_की_कलम
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मुल्क़ में अब
मुल्क़ में अब
*Author प्रणय प्रभात*
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
शरद पूर्णिमा का चांद
शरद पूर्णिमा का चांद
Mukesh Kumar Sonkar
परो को खोल उड़ने को कहा था तुमसे
परो को खोल उड़ने को कहा था तुमसे
ruby kumari
प्रेम क्या है...
प्रेम क्या है...
हिमांशु Kulshrestha
जल रहें हैं, जल पड़ेंगे और जल - जल   के जलेंगे
जल रहें हैं, जल पड़ेंगे और जल - जल के जलेंगे
सिद्धार्थ गोरखपुरी
बोझ हसरतों का - मुक्तक
बोझ हसरतों का - मुक्तक
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
वर्णिक छंद में तेवरी
वर्णिक छंद में तेवरी
कवि रमेशराज
हक़ीक़त का
हक़ीक़त का
Dr fauzia Naseem shad
"आँखों की नमी"
Dr. Kishan tandon kranti
कॉफ़ी की महक
कॉफ़ी की महक
shabina. Naaz
मेरी दुनियाँ.....
मेरी दुनियाँ.....
Naushaba Suriya
श्रीराम वन में
श्रीराम वन में
नवीन जोशी 'नवल'
प्रदूषण-जमघट।
प्रदूषण-जमघट।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
गहरी हो बुनियादी जिसकी
गहरी हो बुनियादी जिसकी
कवि दीपक बवेजा
लोकतंत्र का मंत्र
लोकतंत्र का मंत्र
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
2346.पूर्णिका
2346.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हिकारत जिल्लत
हिकारत जिल्लत
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अभी नहीं पूछो मुझसे यह बात तुम
अभी नहीं पूछो मुझसे यह बात तुम
gurudeenverma198
"Sometimes happiness and peace come when you lose something.
पूर्वार्थ
Loading...