आईना
दिल के आईने को बार बार साफ करती हूँ
खुद को देखकर खुदा को याद करती हूँ,
खुदी मिट जाये,तेरा ही वजूद उतर आये,
कोई जो मुझमें झाँके,तेरी ही झलक पाये।
….….………………….पूनम कुमारी
दिल के आईने को बार बार साफ करती हूँ
खुद को देखकर खुदा को याद करती हूँ,
खुदी मिट जाये,तेरा ही वजूद उतर आये,
कोई जो मुझमें झाँके,तेरी ही झलक पाये।
….….………………….पूनम कुमारी