Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Sep 2020 · 2 min read

आईना

विषय-आईना
दिनांक-9-9-20२0
दिन-बुधवार

देखो आईना बोलता सच हैं,
वही दिखाता हैं जो होता सच हैं,
क्योंकि आईना झूठ नहीं सच बोलता हैं..
क्योंकि आईना इंसान नही जो भ्रम ही देता हैं
आईना तो आईना हैं अपना काम करता हैं।

अगर किसी इश्क में हारे हुए आशिक से पूछो
आईना क्या होता हैं?तो…..
उसका एक ही जवाब होता हैं
आईना और इंसान का दिल एक समान होता हैं,
जिसकी ज़िन्दगी में बस टूट के बिखरना ही लिखा होता हैं।

मेरी तो बिन बात के ही रूठने की आदत सी है,
मेरी तो किसी अपने का साथ पाने की चाहत सी है,
आप खुश रहें, मेरा क्या है मैं तो आईना हूँ,
मुझे तो पल पल टूटने की आदत सी है
मैं तो आईना हूँ और अपना काम करता हूँ।

देखो अजीब सी ताकत होती है आईने में
बिना किसी छान-बीन के जो भी सामने आता हैं
औऱ दिखा देता है उसका असली चेहरा सामने
चाहे किसी को सही देखना न हो आईने में
हमेशा वही नहीं दिखाता जो होता सामने है।

जो हम चाहते हैं देखना एक खास उम्र के बाद
कुछ लोग छोड़ देते हैं आईने में देखना अपनी शक्ल
पर क्या आईने की गिरफ़्त से छूट सकते है कभी
हमारी वो स्मृतियाँ भी जो बोलता सच आईना ही
जिसमे अक्सर देखा करते है सपनों के तिलिस्म ही।

आईना दिखाता है वही जो समय की हो नज़ाकत
समय का सुबह-शाम टहलना ओर ठहर जाना
आईने का रहस्य मन की सब गाँठे खोलने में लगा
आईना नहीं देख सकता अपने मन की खरोंचें गहरी
एक अजीब सी ताकत है आईने में सच की गहरी।

मेरी मुश्किल है मैं अबआईने को समझना चाहती हूँ
खुद आईना बनकर समझना चाहती हूँ आदतेआईने
रात आईना कितनी भी गहराई रूपी स्याम रंग लिए हो
गौर से देखो उसमे हमेशा ही दिखाई देता हैं सच का
वो रंग जो हैं हकीकत रात के बाद सुबह जैसे “मंजु”

डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद

Language: Hindi
4 Likes · 5 Comments · 341 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Manju Saini
View all
You may also like:
आए थे बनाने मनुष्य योनि में पूर्वजन्म की बिगड़ी।
आए थे बनाने मनुष्य योनि में पूर्वजन्म की बिगड़ी।
Rj Anand Prajapati
समय-सारणी की इतनी पाबंद है तूं
समय-सारणी की इतनी पाबंद है तूं
Ajit Kumar "Karn"
3) मैं किताब हूँ
3) मैं किताब हूँ
पूनम झा 'प्रथमा'
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
हमारा अस्तिव हमारे कर्म से होता है, किसी के नजरिए से नही.!!
हमारा अस्तिव हमारे कर्म से होता है, किसी के नजरिए से नही.!!
Jogendar singh
മുളകൊണ്ടുള്ള കാട്ടിൽ
മുളകൊണ്ടുള്ള കാട്ടിൽ
Otteri Selvakumar
वफ़ा का इनाम तेरे प्यार की तोहफ़े में है,
वफ़ा का इनाम तेरे प्यार की तोहफ़े में है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
राम का चिंतन
राम का चिंतन
Shashi Mahajan
कुछ लोग
कुछ लोग
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मुझे मुझसे हीं अब मांगती है, गुजरे लम्हों की रुसवाईयाँ।
मुझे मुझसे हीं अब मांगती है, गुजरे लम्हों की रुसवाईयाँ।
Manisha Manjari
"मेरा पैगाम"
Dr. Kishan tandon kranti
गर्दिश-ए-अय्याम
गर्दिश-ए-अय्याम
Shyam Sundar Subramanian
मन मौजी मन की करे,
मन मौजी मन की करे,
sushil sarna
😊😊फुल-फॉर्म😊
😊😊फुल-फॉर्म😊
*प्रणय*
* थके पथिक को *
* थके पथिक को *
surenderpal vaidya
23/152.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/152.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी रोज़ नये जंग दिखाए हमको
जिंदगी रोज़ नये जंग दिखाए हमको
Shweta Soni
जो कभी था अहम, वो अदब अब कहाँ है,
जो कभी था अहम, वो अदब अब कहाँ है,
पूर्वार्थ
प्रेम
प्रेम
Pratibha Pandey
प्रदाता
प्रदाता
Dinesh Kumar Gangwar
Time
Time
Aisha Mohan
दीदार
दीदार
Dipak Kumar "Girja"
अध्यापक :-बच्चों रामचंद्र जी ने समुद्र पर पुल बनाने का निर्ण
अध्यापक :-बच्चों रामचंद्र जी ने समुद्र पर पुल बनाने का निर्ण
Rituraj shivem verma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
NEW88bet
NEW88bet
new88betus1
दोस्त और दोस्ती
दोस्त और दोस्ती
Neeraj Agarwal
नम आँखे
नम आँखे
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
छोड़ दिया किनारा
छोड़ दिया किनारा
Kshma Urmila
चमचा चरित्र.....
चमचा चरित्र.....
Awadhesh Kumar Singh
मुझे अपनी दुल्हन तुम्हें नहीं बनाना है
मुझे अपनी दुल्हन तुम्हें नहीं बनाना है
gurudeenverma198
Loading...