आईना टूट गया
***** आईना टूट गया *****
***********************
देखते देखते आईना छूट गया
छूटते ही पड़ा आईना टूट गया
फूल सा नाजुक दिल है हमारा
फूल सा नाजुक दिल टूट गया
दिल दीवाना बहुत मस्ताना है
दीवाने दिल को कोई लूट गया
सागर सा गहरा शान्त है मन
गुबार भरा तो भाग्य फुट गया
मन मैला हुआ मलीन हो गया
ज्वर फैला तो सांस घुट गया
मनसीरत हृदय से मृदुल बड़ा
जिसको मिला वही लूट गया
**********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)