Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Aug 2024 · 1 min read

*आईं माता शारदा, बना दिया विद्वान (कुंडलिया)*

आईं माता शारदा, बना दिया विद्वान (कुंडलिया)
_________________________
आईं माता शारदा, बना दिया विद्वान
मगर रहा दुर्भाग्य यह, रहे नहीं धनवान
रहे नहीं धनवान, लिखीं कुंडलियॉं भारी
किंतु न कुंडल शेष, तिजोरी में अब सारी
कहते रवि कविराय, किसी ने दो कब पाईं
या मिलती संपत्ति, पुस्तकें या फिर आईं

रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर उत्तर प्रदेश मोबाइल9997615451

48 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
चॉकलेट
चॉकलेट
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
आजकल ट्रेंड है रिश्ते बनने और छुटने का,वक्त की चाल पर टिका ह
आजकल ट्रेंड है रिश्ते बनने और छुटने का,वक्त की चाल पर टिका ह
पूर्वार्थ
धर्म अधर्म की बाते करते, पूरी मनवता को सतायेगा
धर्म अधर्म की बाते करते, पूरी मनवता को सतायेगा
Anil chobisa
*पाऍं कैसे ब्रह्म को, आओ करें विचार (कुंडलिया)*
*पाऍं कैसे ब्रह्म को, आओ करें विचार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दिल कि गली
दिल कि गली
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"" *मन तो मन है* ""
सुनीलानंद महंत
खालीपन - क्या करूँ ?
खालीपन - क्या करूँ ?
DR ARUN KUMAR SHASTRI
स्त्री एक कविता है
स्त्री एक कविता है
SATPAL CHAUHAN
शीर्षक– आपके लिए क्या अच्छा है यह आप तय करो
शीर्षक– आपके लिए क्या अच्छा है यह आप तय करो
Sonam Puneet Dubey
अन्नदाता किसान
अन्नदाता किसान
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
मां रा सपना
मां रा सपना
Rajdeep Singh Inda
मैं दुआ करता हूं तू उसको मुकम्मल कर दे,
मैं दुआ करता हूं तू उसको मुकम्मल कर दे,
Abhishek Soni
मैं बेबाक हूँ इसीलिए तो लोग चिढ़ते हैं
मैं बेबाक हूँ इसीलिए तो लोग चिढ़ते हैं
VINOD CHAUHAN
वायु प्रदूषण रहित बनाओ।
वायु प्रदूषण रहित बनाओ।
Buddha Prakash
संवेदना
संवेदना
नेताम आर सी
स्नेह की मृदु भावनाओं को जगाकर।
स्नेह की मृदु भावनाओं को जगाकर।
surenderpal vaidya
■ आज मेरे ज़मीं पर नहीं हैं क़दम।।😊😊
■ आज मेरे ज़मीं पर नहीं हैं क़दम।।😊😊
*प्रणय प्रभात*
*SPLIT VISION*
*SPLIT VISION*
Poonam Matia
*तू ही  पूजा  तू ही खुदा*
*तू ही पूजा तू ही खुदा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*फ़र्ज*
*फ़र्ज*
Harminder Kaur
उस्ताद नहीं होता
उस्ताद नहीं होता
Dr fauzia Naseem shad
3763.💐 *पूर्णिका* 💐
3763.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
एक पौधा तो अपना भी उगाना चाहिए
एक पौधा तो अपना भी उगाना चाहिए
कवि दीपक बवेजा
उसके जैसा जमाने में कोई हो ही नहीं सकता।
उसके जैसा जमाने में कोई हो ही नहीं सकता।
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
"रियायत के रंग"
Dr. Kishan tandon kranti
गणित का एक कठिन प्रश्न ये भी
गणित का एक कठिन प्रश्न ये भी
शेखर सिंह
★ किताबें दीपक की★
★ किताबें दीपक की★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
स्वप्न लोक के खिलौने - दीपक नीलपदम्
स्वप्न लोक के खिलौने - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
क्या कहेंगे लोग
क्या कहेंगे लोग
Surinder blackpen
दो पंक्तियां
दो पंक्तियां
Vivek saswat Shukla
Loading...