*आईं माता शारदा, बना दिया विद्वान (कुंडलिया)*
आईं माता शारदा, बना दिया विद्वान (कुंडलिया)
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आईं माता शारदा, बना दिया विद्वान
मगर रहा दुर्भाग्य यह, रहे नहीं धनवान
रहे नहीं धनवान, लिखीं कुंडलियॉं भारी
किंतु न कुंडल शेष, तिजोरी में अब सारी
कहते रवि कविराय, किसी ने दो कब पाईं
या मिलती संपत्ति, पुस्तकें या फिर आईं
रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर उत्तर प्रदेश मोबाइल9997615451