आइना बोल उठा
आइना मुझसे बोल उठा
राज दिल के खोल उठा
मन से तू है बेहद हसीन
तन से भी कुछ कम नहीं
तुझमें कोमल भाव है
मिलनसार स्वभाव है
जीने का अलग अंदाज है
सोचने का नजरिया खास है
बस एक ही कमी रह गई
खुद का मान नहीं किया कभी
गैरों की राय को सर आँखों लिया
अपनी काबिलियत पर शक किया
ये अन्याय अब बंद करो
खुद का जीवन बेहतर करो
तुम हो अनोखी, लाजवाब
तुम्हारा नहीं कोई जवाब
चित्रा बिष्ट