आंसू
जो
रिसा
दिल से
धीमा धीमा
कहां वो दिखा
सीमा को तोड़ता
दवा हुआ तूफान
क्यों
वो जो
आंख से
सूख गया
तो भारी हुआ
कैसी मनमानी
बुझे जो वो ज्ञानी
जो
रिसा
दिल से
धीमा धीमा
कहां वो दिखा
सीमा को तोड़ता
दवा हुआ तूफान
क्यों
वो जो
आंख से
सूख गया
तो भारी हुआ
कैसी मनमानी
बुझे जो वो ज्ञानी