आंसू
आंसू
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इन आंखों में होते हैं खुशी के आंसू,
ग़म के दुःख भरे आंसू।
चेहरा सब कुछ बता देता है,
चेहरा हमारे दिल का आईना है।
बेजार मत निकालने दो,
सीप सी आंखों के मोती से आंसू।
हर एक आंसू की बूंद की कीमत समझो।
सहज कर रखो आंसुओं को,
कीमती समझो,
बेशकीमती हैं ये आंसू—-
सहज कर रखो।
जब तक आंसू की पीड़ा न समझे कोई
ज़मीं पर मत गिरने दो।
अनमोल है हमारे आंसू,
इनको थामने वाले हाथ कोमल हों,
जो आंसुओ की वेदना समझे।
आंसुओ का सैलाब एक समुंदर है,
निर्झरणी की तरह जो बहते हैं।
जब भी दिल को चोट लगे हैं,
आंखों से बहने लगते आंसू हैं।
व्यर्थ मत बहाओ थाम कर रखो,
आंसू ही दिल के सैलाब को बहा ले जाते।
कुछ न बोलते हुए ,सब कुछ कह
जाते है।
ऐ आंसू ही दिल की जुबान,
होते हैं——-
सुषमा सिंह *उर्मि,,