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24 Feb 2022 · 1 min read

आंतरिक ब्रह्माण्ड

?✒️जीवन की पाठशाला ??️

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की सच्चे -ईमानदार और शरीफ व्यक्ति इसलिए अक्सर धोखे खाते हैं और कठिनाईयों का सामना करते हैं क्यूंकि उन्हें किसी भी परिस्तिथियों में ना बोलने का हुनर नहीं आता …,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की अमूमन वही दीपक आपके हाथों को जलाने की कोशिश करते हैं जिन्हें आप कई बार हवाओं से बचाने का प्रयास करते हैं …,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कीमत बोलने की भी चुकानी पड़ती है और चुप रहने की भी …बस ये आप पर निर्भर करता है की आप समझें की कब चुप रहना है और कब बोलना है …और क्या बोलना है …,

आखिर में एक ही बात समझ आई की जब आप पूरी तरह बाहरी दुनिया से बाहर निकलने में कामयाब हो जाते हैं ,तभी आप आंतरिक ब्रह्माण्ड की यात्रा की राह पर चल सकते हैं …!

बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क ? है जरूरी ….सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ….!
?सुप्रभात ?
आपका दिन शुभ हो
विकास शर्मा'”शिवाया”
?जयपुर -राजस्थान ?

Language: Hindi
Tag: लेख
210 Views
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