आंचल
नारी के सिर से उतर कर ,
आया सीने पर ,
सीने से फिर उतर कर गले पर ,
गले से खिसक के कंधे पर ,
कंधे से उतर कर अब
जाने कहां खो गया ।
इस अत्याधुनिक युग में नारी का आंचल ,
इस तरह नारी से जुदा हो गया ।
नारी के सिर से उतर कर ,
आया सीने पर ,
सीने से फिर उतर कर गले पर ,
गले से खिसक के कंधे पर ,
कंधे से उतर कर अब
जाने कहां खो गया ।
इस अत्याधुनिक युग में नारी का आंचल ,
इस तरह नारी से जुदा हो गया ।