आंख का टूट गया है
एक सितारा टूट गया है।
आंख का तारा टूट गया है।।
घर वाले तक समझ न पाए।
चांद हमारा टूट गया है।।
दुनिया के ताने सुन सुन के।
दर्द बेचारा टूट गया है।।
किया भरोसा धोखा दे गया ।
हाय ! सहारा टूट गया है।।
सबका जिम्मा ढोते ढोते।
सबका प्यारा टूट गया है।।
अनिल कुमार ”निश्छल”
शिवनी
हमीरपुर बुंदेलखंड