Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 May 2024 · 1 min read

आंख का टूट गया है

एक सितारा टूट गया है।
आंख का तारा टूट गया है।।

घर वाले तक समझ न पाए।
चांद हमारा टूट गया है।।

दुनिया के ताने सुन सुन के।
दर्द बेचारा टूट गया है।।

किया भरोसा धोखा दे गया ।
हाय ! सहारा टूट गया है।।

सबका जिम्मा ढोते ढोते।
सबका प्यारा टूट गया है।।

अनिल कुमार ”निश्छल”
शिवनी
हमीरपुर बुंदेलखंड

53 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्यास
प्यास
sushil sarna
इशारा नहीं होता
इशारा नहीं होता
Neelam Sharma
P
P
*प्रणय*
मकसद ......!
मकसद ......!
Sangeeta Beniwal
शायद जीवन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण स्वयं को समझना है।
शायद जीवन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण स्वयं को समझना है।
पूर्वार्थ
मेरे बाबूजी लोककवि रामचरन गुप्त +डॉ. सुरेश त्रस्त
मेरे बाबूजी लोककवि रामचरन गुप्त +डॉ. सुरेश त्रस्त
कवि रमेशराज
विचलित लोग
विचलित लोग
Mahender Singh
कभी-कभी इंसान थोड़ा मख़मूर हो जाता है!
कभी-कभी इंसान थोड़ा मख़मूर हो जाता है!
Ajit Kumar "Karn"
वो इतनी ही हमारी बस सांझली
वो इतनी ही हमारी बस सांझली
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*धरती हिली ईश की माया (बाल कविता)*
*धरती हिली ईश की माया (बाल कविता)*
Ravi Prakash
12 fail ..👇
12 fail ..👇
Shubham Pandey (S P)
प्यार भरा इतवार
प्यार भरा इतवार
Manju Singh
ঘূর্ণিঝড় পরিস্থিতি
ঘূর্ণিঝড় পরিস্থিতি
Otteri Selvakumar
" गुमान "
Dr. Kishan tandon kranti
ओस
ओस
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
ये करुणा भी कितनी प्रणय है....!
ये करुणा भी कितनी प्रणय है....!
singh kunwar sarvendra vikram
मेरी पसंद तो बस पसंद बनके रह गई उनकी पसंद के आगे,
मेरी पसंद तो बस पसंद बनके रह गई उनकी पसंद के आगे,
जय लगन कुमार हैप्पी
शिव स्तुति महत्व
शिव स्तुति महत्व
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
4607.*पूर्णिका*
4607.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चंदा मामा सुनो मेरी बात 🙏
चंदा मामा सुनो मेरी बात 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मजदूरों के मसीहा
मजदूरों के मसीहा
नेताम आर सी
वो मुज़्दा भी एक नया ख़्वाब दिखाती है,
वो मुज़्दा भी एक नया ख़्वाब दिखाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*कविताओं से यह मत पूछो*
*कविताओं से यह मत पूछो*
Dr. Priya Gupta
जिंदगी भी कुछ पहाड़ की तरह होती हैं।
जिंदगी भी कुछ पहाड़ की तरह होती हैं।
Neeraj Agarwal
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
लघुकथा - दायित्व
लघुकथा - दायित्व
अशोक कुमार ढोरिया
मां तुम्हें आता है ,
मां तुम्हें आता है ,
Manju sagar
कृतघ्न अयोध्यावासी !
कृतघ्न अयोध्यावासी !
ओनिका सेतिया 'अनु '
प्रेरक प्रसंग
प्रेरक प्रसंग
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
किरणों की मन्नतें ‘
किरणों की मन्नतें ‘
Kshma Urmila
Loading...