आंखो मे छुपे सपने
आंखो मे छुपे सपने
कुछ कुछ धूमिल से होने लगे है
दिल में दबी ख़्वाहिशे
थोड़े थोड़े उदास से होने से लगे है
पर हौसला है, हम उठेगे फिर से
एक दूसरे का हाथ थामे, छु लेंगे हर मक़ाम को।
आंखो मे छुपे सपने
कुछ कुछ धूमिल से होने लगे है
दिल में दबी ख़्वाहिशे
थोड़े थोड़े उदास से होने से लगे है
पर हौसला है, हम उठेगे फिर से
एक दूसरे का हाथ थामे, छु लेंगे हर मक़ाम को।