Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jan 2024 · 1 min read

आंखों से अश्क बह चले

आंखों से अश्क बह चले तो यूं छुपा लिए
पलकों को बंद कर लिया और मुस्कुरा दिए

जब भी वफ़ा के नाम पर मन में उठे सवाल
जब भी तुम्हें भुलाने का आया कोई ख़याल
दिल ने तड़प के ये कहा ऐसा न कीजिए
पलकों को बंद कर लिया…

कैसे हैं इम्तिहान ये उल्फ़त के नाम पर
तुमने भी ला दिया मुझे कैसे मुकाम पर
काली घनी है रात और बुझते हुए दिए
पलकों को बंद कर लिया…

रहने दे इश्क़ के अभी थोड़े बहुत भरम
मुझको ख़ुशी नहीं मिली इसका नहीं है ग़म
उसको ख़ुशी मिले मगर जिसे सितम किये
पलकों को बंद कर लिया…

— शिवकुमार बिलगरामी

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 162 Views

You may also like these posts

बलात्कार
बलात्कार
Dr.sima
ग़लती कर रहे कि सही,
ग़लती कर रहे कि सही,
Ajit Kumar "Karn"
हिंदी - दिवस
हिंदी - दिवस
Ramswaroop Dinkar
विश्वकप-2023
विश्वकप-2023
World Cup-2023 Top story (विश्वकप-2023, भारत)
जिन्हें हम पसंद करते हैं
जिन्हें हम पसंद करते हैं
Sonam Puneet Dubey
विश्वासघात से आघात,
विश्वासघात से आघात,
लक्ष्मी सिंह
खूब ठहाके लगा के बन्दे !
खूब ठहाके लगा के बन्दे !
Akash Yadav
24) पनाह
24) पनाह
नेहा शर्मा 'नेह'
रमन्ते सर्वत्र इति रामः
रमन्ते सर्वत्र इति रामः
मनोज कर्ण
" तुतारी "
Dr. Kishan tandon kranti
मैंने चांद से पूछा चहरे पर ये धब्बे क्यों।
मैंने चांद से पूछा चहरे पर ये धब्बे क्यों।
सत्य कुमार प्रेमी
यदि आप नंगे है ,
यदि आप नंगे है ,
शेखर सिंह
मुट्ठी भर रेत है जिंदगी
मुट्ठी भर रेत है जिंदगी
Suryakant Dwivedi
मर्दुम-बेज़ारी
मर्दुम-बेज़ारी
Shyam Sundar Subramanian
प्यासा के कुंडलियां (झूठा)
प्यासा के कुंडलियां (झूठा)
Vijay kumar Pandey
जो न चाहे दिल वही अपनाना पड़ता है यहाॅं
जो न चाहे दिल वही अपनाना पड़ता है यहाॅं
Manoj Mahato
आँखों की कुछ तो नमी से डरते हैं
आँखों की कुछ तो नमी से डरते हैं
अंसार एटवी
■ मनोरोग का क्या उपचार...?
■ मनोरोग का क्या उपचार...?
*प्रणय*
Quote
Quote
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सरस्वती वंदना । हे मैया ,शारदे माँ
सरस्वती वंदना । हे मैया ,शारदे माँ
Kuldeep mishra (KD)
आशिक़ हो जाने का मतलब*
आशिक़ हो जाने का मतलब*
पूर्वार्थ
हमारे प्यारे दादा दादी
हमारे प्यारे दादा दादी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
मत्तगयंत सवैया (हास्य रस)
मत्तगयंत सवैया (हास्य रस)
संजीव शुक्ल 'सचिन'
तेरी शरण में आया हूं
तेरी शरण में आया हूं
इंजी. संजय श्रीवास्तव
द्वापर में मोबाइल होता
द्वापर में मोबाइल होता
rkchaudhary2012
*
*"मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम"*
Shashi kala vyas
रिश्ते
रिश्ते
प्रदीप कुमार गुप्ता
प्रेम करें.... यदि
प्रेम करें.... यदि
महेश चन्द्र त्रिपाठी
2521.पूर्णिका
2521.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कलम के हम सिपाही हैं, कलम बिकने नहीं देंगे,
कलम के हम सिपाही हैं, कलम बिकने नहीं देंगे,
दीपक श्रीवास्तव
Loading...