Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Oct 2023 · 1 min read

आंखों में तिरी जाना…

आंखों में तिरी जाना कुछ ख्वाब जो पलते है
मजमून लिफाफे का हम खूब समझते है

बारिश का ज़माना है, मौसम भी सुहाना हैं
मिट्टी के मकाँ वाले, बरसात से डरते हैं

गुल कैद है कमरे में पूरा य़ह भरोसा है
खिड़की पे कई भंवरे दिन रात मचलते हैं

कमज़ोर समझते हो, ऐसे तो नहीं हैं हम
हम अम्न के रखवाले इस देश पे मरते हैं

कपड़ों में जो बाज़ू थे, उन सबको कटा डाला
कुछ दोस्त हमारे अब बेचैन से रहते है

मरहम का तिरे अरशद एहसान नहीं लेना
यह जख्म जो दिल के हैं कुछ देर से भरते हैं

201 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आप हमको पढ़ें, हम पढ़ें आपको
आप हमको पढ़ें, हम पढ़ें आपको
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
उम्र के हर एक पड़ाव की तस्वीर क़ैद कर लेना
उम्र के हर एक पड़ाव की तस्वीर क़ैद कर लेना
'अशांत' शेखर
आ जाये मधुमास प्रिय
आ जाये मधुमास प्रिय
Satish Srijan
हर मोड़ पर कोई न कोई मिलता रहा है मुझे,
हर मोड़ पर कोई न कोई मिलता रहा है मुझे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जी20
जी20
लक्ष्मी सिंह
'शत्रुता' स्वतः खत्म होने की फितरत रखती है अगर उसे पाला ना ज
'शत्रुता' स्वतः खत्म होने की फितरत रखती है अगर उसे पाला ना ज
satish rathore
लम्हें यादों के.....
लम्हें यादों के.....
कुलदीप दहिया "मरजाणा दीप"
बैठी थी मैं सजन सँग कुछ कह के मुस्कुराए ,
बैठी थी मैं सजन सँग कुछ कह के मुस्कुराए ,
Neelofar Khan
तुझसे मिलती हूँ जब कोई बंदिश नही रहती,
तुझसे मिलती हूँ जब कोई बंदिश नही रहती,
Vaishaligoel
आप सभी को नववर्ष की हार्दिक अनंत शुभकामनाएँ
आप सभी को नववर्ष की हार्दिक अनंत शुभकामनाएँ
डॉ.सीमा अग्रवाल
घर के आंगन में
घर के आंगन में
Shivkumar Bilagrami
वीरांगना लक्ष्मीबाई
वीरांगना लक्ष्मीबाई
Anamika Tiwari 'annpurna '
अपना पन तो सब दिखाते है
अपना पन तो सब दिखाते है
Ranjeet kumar patre
*छल-कपट को बीच में, हर्गिज न लाना चाहिए【हिंदी गजल/गीतिका】*
*छल-कपट को बीच में, हर्गिज न लाना चाहिए【हिंदी गजल/गीतिका】*
Ravi Prakash
*मेरी रचना*
*मेरी रचना*
Santosh kumar Miri
कितने बेबस
कितने बेबस
Dr fauzia Naseem shad
*कभी मिटा नहीं पाओगे गाँधी के सम्मान को*
*कभी मिटा नहीं पाओगे गाँधी के सम्मान को*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
20, 🌻बसन्त पंचमी🌻
20, 🌻बसन्त पंचमी🌻
Dr .Shweta sood 'Madhu'
दुख में दुश्मन सहानुभूति जताने अथवा दोस्त होने का स्वांग भी
दुख में दुश्मन सहानुभूति जताने अथवा दोस्त होने का स्वांग भी
Dr MusafiR BaithA
कभी कभी चाह होती है
कभी कभी चाह होती है
हिमांशु Kulshrestha
विचार और भाव-1
विचार और भाव-1
कवि रमेशराज
श्री गणेश भगवान की जन्म कथा
श्री गणेश भगवान की जन्म कथा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"बतंगड़"
Dr. Kishan tandon kranti
भीम राव हैं , तारणहार मेरा।
भीम राव हैं , तारणहार मेरा।
Buddha Prakash
आंखें
आंखें
Ghanshyam Poddar
ॐ নমঃ শিবায়
ॐ নমঃ শিবায়
Arghyadeep Chakraborty
ज़िंदगी से थोड़ी-बहुत आस तो है,
ज़िंदगी से थोड़ी-बहुत आस तो है,
Ajit Kumar "Karn"
पहले वो दीवार पर नक़्शा लगाए - संदीप ठाकुर
पहले वो दीवार पर नक़्शा लगाए - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
4617.*पूर्णिका*
4617.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ब्रांड. . . .
ब्रांड. . . .
sushil sarna
Loading...