आंखे खुलना
कौन कहता है कि अंधेरे में नहीं दिखता ।
बस नजरिए का फर्क है ।
दिखता है हर पल हर किसी को आंखे खुली है बंद नहीं है।
चाहे अंधेरे में आंखे खुले या उजाले में पर खुलने का मतलब सच्चाई से वाकिफ होना ही तो है ।
RJ Anand Prajapati
कौन कहता है कि अंधेरे में नहीं दिखता ।
बस नजरिए का फर्क है ।
दिखता है हर पल हर किसी को आंखे खुली है बंद नहीं है।
चाहे अंधेरे में आंखे खुले या उजाले में पर खुलने का मतलब सच्चाई से वाकिफ होना ही तो है ।
RJ Anand Prajapati