आंखें मेरी तो नम हो गई है
गीत – आँखें मेरी तो नम हो गई है।
दास्तान मेरी जब से..
खत्म हो गई है-२
आँखें मेरी तो…२
नम हो गई है।।
दास्तान मेरी जब से…
खत्म हो गई है..
आँखें मेरी तो..नम हो गई है।२
मेरी मोहब्बत..मेरी चाहत पे शक था।
देखा जब मुड़ कर मुझ पे..
किसी और का हक था-२
भूले हैं वादे नयी कसम हो गई है।-२
आँखें मेरी तो…नम हो गई है।-२
झूठी थी सारी रश्में..झूठ था मुस्कराना।
मेरी दिल्लगी में तेरा….
सिर्फ था आजमाना-२
जिंदगी मेरी ताजा जख्म हो गई है।-२
आँखें मेरी तो…नम हो गई है।-२
अब तेरी दुनिया में हम..लौट कर ना आएँगे।
जख्मी है दिल मेरा…
बस आँसू बहाएंगें-२
सादगी भी तेरी बेरहम हो गई है।-२
आँखें मेरी तो…नम हो गई है।-२
कैसे रहूँगा कैसे जिंदगी बिताऊंगा।
वादा है तेरी कभी…
गलियों में न आऊँगा-२
“मुसाफिर” तेरी उम्र कम हो गई है।-२
आँखें मेरी तो…नम हो गई है।-२
दास्तान मेरी जब से…
खत्म हो गई है।
आँखें मेरी तो…नम हो गई है।-२
रोहताश वर्मा “मुसाफिर”