Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Nov 2024 · 1 min read

आँसू

आँसू
*****
ये जो आँसू हैं ना
इन्हें समझ पाना सचमुच
बहुत ही कठिन है
इनका मनोविज्ञान समझ पाना
पर्वत तोड़कर राह बनाने जैसा है
ये कब धीमे-धीमे आने लगेंगे
आँखों के कोर से बह निकलेंगे
कब सागर के लहरों की तरह
छलछला जाएँगे
कोई बता नहीं सकता
ये आँसू खुशी या गम के
बंधन में नहीं बंधते
ये परे हैं किसी भी बंधन के जकड़न से
इन पर जाति,धर्म,सम्प्रदाय की
कोई बंदिश नहीं
बस बह निकलते हैं
अपने स्वामी को
शांति प्रदान करने के लिए
एक ऐसी शांति
जिस पर हर्ष या विषाद का
कोई प्रभाव नहीं पड़ता
आँसू बहुत शक्तिशाली हैं
इनका मनोविज्ञान
कोई भी नहीं पढ़ सकता।
–अनिल कुमार मिश्र,राँची,झारखंड,भारत

12 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रकृति का प्रकोप
प्रकृति का प्रकोप
Kanchan verma
क्या वायदे क्या इरादे ,
क्या वायदे क्या इरादे ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
शांत सा जीवन
शांत सा जीवन
Dr fauzia Naseem shad
दर्द -दर्द चिल्लाने से सूकून नहीं मिलेगा तुझे,
दर्द -दर्द चिल्लाने से सूकून नहीं मिलेगा तुझे,
Pramila sultan
कुछ हसरतें पाल कर भी शाम उदास रहा करती है,
कुछ हसरतें पाल कर भी शाम उदास रहा करती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बेकद्रों की सोहबत से
बेकद्रों की सोहबत से
Chitra Bisht
*सस्ती सबसे चाय है, गरम समोसा साथ (कुंडलिया)*
*सस्ती सबसे चाय है, गरम समोसा साथ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
पैमाना सत्य का होता है यारों
पैमाना सत्य का होता है यारों
प्रेमदास वसु सुरेखा
जीवन बड़ा अनमोल है यह सत्य मानिए,
जीवन बड़ा अनमोल है यह सत्य मानिए,
Anamika Tiwari 'annpurna '
बढ़ता कदम बढ़ाता भारत
बढ़ता कदम बढ़ाता भारत
AMRESH KUMAR VERMA
कविता ही तो परंम सत्य से, रूबरू हमें कराती है
कविता ही तो परंम सत्य से, रूबरू हमें कराती है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*भव-पालक की प्यारी गैय्या कलियुग में लाचार*
*भव-पालक की प्यारी गैय्या कलियुग में लाचार*
Poonam Matia
तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिंद, जय भारत
तेरा नाम रहेगा रोशन, जय हिंद, जय भारत
gurudeenverma198
आओ इस दशहरा हम अपनी लोभ,मोह, क्रोध,अहंकार,घमंड,बुराई पर विजय
आओ इस दशहरा हम अपनी लोभ,मोह, क्रोध,अहंकार,घमंड,बुराई पर विजय
Ranjeet kumar patre
वतन-ए-इश्क़
वतन-ए-इश्क़
Neelam Sharma
अ ज़िन्दगी तू ही बता..!!
अ ज़िन्दगी तू ही बता..!!
Rachana
आईना
आईना
Sûrëkhâ
👍👍👍
👍👍👍
*प्रणय*
“प्रजातांत्रिक बयार”
“प्रजातांत्रिक बयार”
DrLakshman Jha Parimal
!!!! सब तरफ हरियाली!!!
!!!! सब तरफ हरियाली!!!
जगदीश लववंशी
मेरा  साथ  दे  दो आज  तो मैं बन  सकूँ  आवाज़।
मेरा साथ दे दो आज तो मैं बन सकूँ आवाज़।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
अभी कैसे हिम्मत हार जाऊं मैं ,
अभी कैसे हिम्मत हार जाऊं मैं ,
शेखर सिंह
रतन टाटा
रतन टाटा
Satish Srijan
प्रेम में मिट जाता है, हर दर्द
प्रेम में मिट जाता है, हर दर्द
Dhananjay Kumar
उस झरोखे को बंद करें, जो आपको पीड़ा देता है, बाहर का दृश्य च
उस झरोखे को बंद करें, जो आपको पीड़ा देता है, बाहर का दृश्य च
इशरत हिदायत ख़ान
ऐसा लगता है कि शोक सभा में, नकली आँसू बहा रहे हैं
ऐसा लगता है कि शोक सभा में, नकली आँसू बहा रहे हैं
Shweta Soni
जैसे हातों सें रेत फिसलती है ,
जैसे हातों सें रेत फिसलती है ,
Manisha Wandhare
*जिंदगी के अनोखे रंग*
*जिंदगी के अनोखे रंग*
Harminder Kaur
3261.*पूर्णिका*
3261.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"पाठशाला"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...