आँसू
पीर तेरी और मेरी सह गए अनमोल आँसू
आँख में बस कैद होकर रह गए अनमोल आँसू
कोशिशें तो लाख कीं उसने छुपाने की मगर
फिर भी लेकिन राज सारा कह गए अनमोल आँसू
रोक पातीं कब तलक दर्द का सैलाव पलकें
तोड़कर तटबंध सारे बह गए अनमोल आँसू
हाथ काँधे पर रखा जब भी किसी ने प्यार से
हो महल इक रेत का यूँ ढह गए अनमोल आँसू
जब गले आकर लगा साथ में सुख और दुख
कर विदा बेटी को घर से बह गए अनमोल आँसू