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24 May 2024 · 1 min read

गज़ल (आँसू)

आँसू

रुख़सारों पर ठहरे आँसू
हैं सागर से ख़ारे आँसू

रोता है पतझर में मौसम
मधुमासों में छलके आँसू

सरिता रूठ गई सागर से
बन कर बादल बरसे आँसू

इन्हें चाहिए प्यार मुहब्बत
चिलमन से जो झाँके आँसू

पूनम चंदा और गुलमुहर
जैसे राजदुलारे आँसू

डॉक्टर रागिनी शर्मा,इंदौर
इन्दौर

2 Likes · 34 Views
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