आँचल
आँचल में सितारे अब नही मेरे
तूने जो बिखेर दिए अरमा सारे मेरे
अब तो टूटा तारा भी नसीब नही
तोड़कर सारे तारे क्यूं आँचल में भर
दिए अंगारे मेरे।।
आँचल में सितारे अब नही मेरे
तूने जो बिखेर दिए अरमा सारे मेरे
अब तो टूटा तारा भी नसीब नही
तोड़कर सारे तारे क्यूं आँचल में भर
दिए अंगारे मेरे।।