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20 Feb 2020 · 1 min read

आँखो स पचता नही

आँखों से पचता नहीं, ये कैसा दीदार !
अंधों के इस शहर में,चश्में का बाज़ार !!

सावन का अंधा कहे, हरा-हरा हर ओर !
देखे ऐसे चोर भी, …. हर मानव में चोर !
रमेश शर्मा

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 323 Views
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