आँखों में आहें सलामत रहे
आँखों में आहें सलामत रहे,
ज़िंदगी को पुकारती बाहें सलामत रहे,
मैं तेरा साथ नहीं दे पाउँगा ज़िंदगी,
मेरे बीते साये संग सलामत रहे,
आखों की आँखों में बातें सलामत रहे,
मीठी मुलाकाते सलमत रहे,
मैंने रखा लिया तुमको दिल के कौन में,
ये धड़कने सलामत रहे,
छोड़कर गई जो तू नमी पलकों पे,
वो तूफ़ान की लाली सलामत रहे,
चेहरे की हंसी कानो की बाली,
नसीबों में चाय की प्याली सलामत रहे,
चलते जाओ अब मुझसे दूर तुम,
महफ़िल में हवा ख़याली सलामत रहे,
मेरा तू भी न हो सका मुक्क्दर मेरे,
खुदा की नज़र सवाली सलामत रहे,
आपका आपने दोस्त। …. तनहा शायर हूँ