Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Oct 2016 · 1 min read

आँखों में आंसू और दिल में वो दर्द न थे

आँखों में आंसू और दिल में वो दर्द न थे
टूट गये रिश्ते फिर भी तुम आजिज़ न थे

वक़्त ने कसोटी पे तराशा हे एक सा हमे
पर मेरे इब्तिला से तुम तो ‘वाकिफ’ न थे

तुम तो बड़ी ‘खामोसी’ में निकल गये पर
मेरे ‘गिरियां’ किसी ने देखे और सुने न थे

बड़ी नुमाइस हो रही थी हमारे ‘प्यार’ की
सब तमाशाई ही खड़े थे गम़गुस्सार न थे

आवाजे गूंजती रही दिवालो के पीछे की
हमतो बे इख्त़ियारी थे शर्मसार तुम न थे
@अंकुर…..

1 Like · 1 Comment · 390 Views

You may also like these posts

मुझे आने तो दो
मुझे आने तो दो
Satish Srijan
आख़िरी ख़्वाहिश
आख़िरी ख़्वाहिश
Dipak Kumar "Girja"
यक़ीनन खंडहर हूँ आज,
यक़ीनन खंडहर हूँ आज,
*प्रणय*
Vo yaad bi kiy yaad hai
Vo yaad bi kiy yaad hai
Aisha mohan
कुछ चोरों ने मिलकर के अब,
कुछ चोरों ने मिलकर के अब,
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
मुरधर वाळा देस मे जबरौ अेक गांव धुम्बड़ियौ। 💓
मुरधर वाळा देस मे जबरौ अेक गांव धुम्बड़ियौ। 💓
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
बदबू से रोवेला गेंदा-गुलाब
बदबू से रोवेला गेंदा-गुलाब
आकाश महेशपुरी
एक छोरी काळती हमेशा जीव बाळती,
एक छोरी काळती हमेशा जीव बाळती,
प्रेमदास वसु सुरेखा
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
आओ पास पास बैठें
आओ पास पास बैठें
surenderpal vaidya
विस्तार स्वप्न का
विस्तार स्वप्न का
Padmaja Raghav Science
रोक दो ये पल
रोक दो ये पल
Dr. Rajeev Jain
12. Dehumanised Beings
12. Dehumanised Beings
Ahtesham Ahmad
सूखी नहर
सूखी नहर
मनोज कर्ण
खूब ठहाके लगा के बन्दे
खूब ठहाके लगा के बन्दे
Akash Yadav
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Arvind trivedi
सपना ....
सपना ....
sushil sarna
बचपन
बचपन
Sakhi
" मेरी जान "
ज्योति
बिछोह
बिछोह
Lalni Bhardwaj
दोहा
दोहा
seema sharma
हास्यगीत - करियक्की
हास्यगीत - करियक्की
सिद्धार्थ गोरखपुरी
🥀प्रेम 🥀
🥀प्रेम 🥀
Swara Kumari arya
2904.*पूर्णिका*
2904.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"चाहत का आसमान"
Dr. Kishan tandon kranti
#लापरवाही और सजगता का महत्व
#लापरवाही और सजगता का महत्व
Radheshyam Khatik
लड़कियों को हर इक चीज़ पसंद होती है,
लड़कियों को हर इक चीज़ पसंद होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कुछ हम लड़के भी है  जो सिर्फ या तो मां के प्रेम के अधीर इतने
कुछ हम लड़के भी है जो सिर्फ या तो मां के प्रेम के अधीर इतने
पूर्वार्थ
മുളകൊണ്ടുള്ള കാട്ടിൽ
മുളകൊണ്ടുള്ള കാട്ടിൽ
Otteri Selvakumar
"बातों से पहचान"
Yogendra Chaturwedi
Loading...