आँखे
यकीन हुआ आज सुना था,
जिसके बारे में बहुत पहले !
मुहब्बत शुरू होती है,
आखो से पहले पहले !!
लगता है अब एक
दास्तान फिर जवान होगी !
उसकी आँखे मुस्कराई है
उसके होठो से पहले !!
राज समझ में आया
यूँ जमीन के चक्कर खाने का !
उसने भी इन आँखो को
देखा होगा कहीं बहुत पहले !!
आँखो आँखो मे जो
“सलिल” पी ली है तूने !
खत्म ना होगी ये मदहोशी
अब कयामत से पहले !!