आँखे
आँखे
कैसे कहूँ
आँखों की बात
देखूँ
तो लगे
झील की गहराई
स्वप्न सी सच्चाई
एक मधुशाला सी
प्रेम की पाठशाला सी
नृत्य की रंगशाला सी
आँखों मे
न मिटने वाली प्यास
शायद इन आँखों को
खास की तलाश है
आँखे
कैसे कहूँ
आँखों की बात
देखूँ
तो लगे
झील की गहराई
स्वप्न सी सच्चाई
एक मधुशाला सी
प्रेम की पाठशाला सी
नृत्य की रंगशाला सी
आँखों मे
न मिटने वाली प्यास
शायद इन आँखों को
खास की तलाश है