आँखें मुंदे
आंखें मुंदे
नदी किनारे
नाव चले
पतवार हिले
हवाओं की सनसनाहट
पेड़ो की हलचल
खामोशी से
हौले-हौले
गीत सुनाये
प्रीत बताये
डालों की पत्तियां
पलकों को
छुके जगाये
शरीर जगे
सब बेजान मिले
आंखें मुंदे
नदी किनारे ।
आंखें मुंदे
नदी किनारे
नाव चले
पतवार हिले
हवाओं की सनसनाहट
पेड़ो की हलचल
खामोशी से
हौले-हौले
गीत सुनाये
प्रीत बताये
डालों की पत्तियां
पलकों को
छुके जगाये
शरीर जगे
सब बेजान मिले
आंखें मुंदे
नदी किनारे ।