Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Aug 2017 · 1 min read

अहसास

अहसास

कितने ही बीत गए वर्ष
हर्ष में भी, विषाद में भी
जिन्दा हूँ क्यों,में मर नहीं सकी
अब तो हो गई है आदत
सहज सहज जीने की
फिर भी उठती रहती है
एक गहरी कलेजे में हूक
लगता है तुम साथ होते
ऐसा होता, वैसा होता
पर नहीं हो सकती थी
स्वार्थी
तुम्हे यहां रोक कर
तुम्हारा कष्ट, तुम्हारी तकलीफ
न में दूर कर सकती थी
न तुम्हारी तड़फ देख सकती थी
अच्छा हुआ तुम चले गए
रोग मुक्त तो हुए
मिला होगा तुम्हे
एक नया अवतार
इस संसार में
हम तुम न पहचाने
एक दूसरे को
पर एक दूसरे का असितत्व
होता है अटल
एक सच्चा सच
जब कभी मिलो
आवाज अवश्य देना
हो सकता है
पहचान पाये या
न पहचान पाये
अहसास हल्का-सा
अवश्य करा देना।

Language: Hindi
490 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Santosh Khanna (world record holder)
View all
You may also like:
Children's is the chacha Nehru Fan.
Children's is the chacha Nehru Fan.
Rj Anand Prajapati
*यूं सताना आज़माना छोड़ दे*
*यूं सताना आज़माना छोड़ दे*
sudhir kumar
ग़ज़ल _ मिल गयी क्यूँ इस क़दर तनहाईयाँ ।
ग़ज़ल _ मिल गयी क्यूँ इस क़दर तनहाईयाँ ।
Neelofar Khan
कुछ अजीब है यह दुनिया यहां
कुछ अजीब है यह दुनिया यहां
Ranjeet kumar patre
सुना है नींदे चुराते हैं वो ख्वाब में आकर।
सुना है नींदे चुराते हैं वो ख्वाब में आकर।
Phool gufran
जब भी आप निराशा के दौर से गुजर रहे हों, तब आप किसी गमगीन के
जब भी आप निराशा के दौर से गुजर रहे हों, तब आप किसी गमगीन के
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
एक पेड़ की हत्या (Murder of a Tree) कहानी
एक पेड़ की हत्या (Murder of a Tree) कहानी
Indu Singh
तुम्हारा जिक्र
तुम्हारा जिक्र
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
जगह-जगह पुष्प 'कमल' खिला;
जगह-जगह पुष्प 'कमल' खिला;
पंकज कुमार कर्ण
मेरी आँखों से भी नींदों का रिश्ता टूट जाता है
मेरी आँखों से भी नींदों का रिश्ता टूट जाता है
Aadarsh Dubey
विपक्ष की
विपक्ष की "हाय-तौबा" पर सवालिया निशान क्यों...?
*प्रणय*
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
लिमवा के पेड़ पर,
लिमवा के पेड़ पर,
TAMANNA BILASPURI
सामी विकेट लपक लो, और जडेजा कैच।
सामी विकेट लपक लो, और जडेजा कैच।
गुमनाम 'बाबा'
ऐसे हैं हम तो, और सच भी यही है
ऐसे हैं हम तो, और सच भी यही है
gurudeenverma198
"बदलाव"
Dr. Kishan tandon kranti
*आशाओं के दीप*
*आशाओं के दीप*
Harminder Kaur
कभी नजरें मिलाते हैं कभी नजरें चुराते हैं।
कभी नजरें मिलाते हैं कभी नजरें चुराते हैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
माना कि मेरे इस कारवें के साथ कोई भीड़ नहीं है |
माना कि मेरे इस कारवें के साथ कोई भीड़ नहीं है |
Jitendra kumar
खैर-ओ-खबर के लिए।
खैर-ओ-खबर के लिए।
Taj Mohammad
गर्व हो रहा होगा उसे पर्वत को
गर्व हो रहा होगा उसे पर्वत को
Bindesh kumar jha
संन्यास के दो पक्ष हैं
संन्यास के दो पक्ष हैं
हिमांशु Kulshrestha
पंडित आदमी हूं इसके अतिरिक्त हिन्दी मिडियम के बच्चों को अंग्
पंडित आदमी हूं इसके अतिरिक्त हिन्दी मिडियम के बच्चों को अंग्
Sachin Mishra
"वेश्या का धर्म"
Ekta chitrangini
'सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले। ये च हेलिमरी
'सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले। ये च हेलिमरी
Shashi kala vyas
जन्म से मरन तक का सफर
जन्म से मरन तक का सफर
Vandna Thakur
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
4157.💐 *पूर्णिका* 💐
4157.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
राजस्थानी भाषा में
राजस्थानी भाषा में
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
अरे...
अरे...
पूर्वार्थ
Loading...