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23 Sep 2024 · 1 min read

अहम तोड़ता आजकल ,

अहम तोड़ता आजकल ,
आपस का माधुर्य ।
तार – तार सिन्दूर का,
हो जाता सौन्दर्य ।।
सुशील सरना 23-9-24

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