अहमियत
अहमियत होती है हर चीज की, समझनी चाहिए।
जिंदगी खुद नहीं बदलती, बदलनी चाहिए।
कारवां गुज़र जाए , दौड़ने से क्या फायदा,
वक्त पर सबको उनकी अहमियत देनी चाहिए।
हाथ नहीं आता समय, लहरों की तरह गुजरता है।
गुजरती हुई लहर को कहां कोई पकड़ता है।
हमे अपनी नब्ज की हिफाजत खुद ही करनी है,
दे कोई या न दे,खुद को अहमियत देनी चाहिए।
अहमियत का अंदाजा खुद ही लगाया करो,
खाली हो मकान,दीवारों पर लग जाते हैं जाले।
सुंदर विचारों के उजाले मन में प्रकाशित हों
अहमियत हैं हर किसी की,सत्य न भुलाया करो।
स्वरचित एवं मौलिक
कंचन वर्मा
शाहजहांपुर
उत्तर प्रदेश