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26 Mar 2018 · 1 min read

अहंकार की गंध

रूठों को भी ख्वाब मे,ले आती है पास !
साथी निद्रा सा नही, हुआ दूसरा खास !!

मर्यादा गायब हुई , हुए क्षीण सम्बन्ध !
रिश्तों से आने लगी,अहंकार की गंध !!
रमेश शर्मा

Language: Hindi
1 Like · 219 Views
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