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4 Nov 2024 · 1 min read

अहंकार का पूर्णता त्याग ही विजय का प्रथम संकेत है।

अहंकार का पूर्णता त्याग ही विजय का प्रथम संकेत है।
एक अहंकारी व्यक्ति जीवन हर क्षण अपने मान और मद के अहंकार में छोटे बड़ो के साथ उचित व्यवहार को भूल जाता है संस्कार को भूल जाता है परोपकार को भूल जाता आत्मीय सुधार को भूल जाता है और यहीं एक मात्र दोष उसके होशो हवास को उसके मन मस्तिष्क से अविछिन्न कर देता है।
RJ Anand Prajapati

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