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13 Apr 2022 · 1 min read

“अस्मिता”

“अस्मिता”
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अपनी अस्मिता की रक्षा हमारा “धर्म” है ।
क्योंकि इसपे लगी चोट दुखाता “मर्म” है ।
इंसान जीवन भर करता अपना “कर्म” है ।
पर अस्मिता खोकर कुछ हो, ये “शर्म” है ।

( स्वरचित एवं मौलिक )

© अजित कुमार “कर्ण” ✍️
~ किशनगंज ( बिहार )
दिनांक :- 13 / 04 / 2022.
“””””””””””””””””””””””””””””””””
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Language: Hindi
4 Likes · 228 Views

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