अस्त व्यस्त
कट गये पेड़
बच गये ठूंठ
तपती धूप,
बढ़ती झूठ,
निगल गये हरियाली
सहमे फरियादी,
चढ़ गई फ्लैट सी बेल
बढ़ गये बैल,
अजब खेल,
एकाध पार्क
नाम के उपवन,
सीमित क्षेत्र,
नामक खेत्र,
बढ़ते यातायात
खत्म इज्ज़त
करें हिफाजत
नहीं इजाजत
विचलित अधारणीय
कैसे कहे आदरणीय