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20 Mar 2023 · 1 min read

#असीं जागदे हाँ

🙏● भ्रम मिट गया ●

पिछले सात दशकों से धीरे-धीरे हमारी छवि ऐसी बना दी गई कि “इनके एक गाल पर थप्पड़ मारो तो अब यह दूसरा गाल आगे नहीं करते सिर झुका देते हैं कि मार लो जूता।”

और आज, आज हमने यह भ्रम तोड़ दिया।

इसी सच्चाई को कहती है यह पंजाबी कविता।
✍️

★ #असीं जागदे हां ★

असीं ज्यूंदे हां
असीं जागदे हां
लोको शिवा प्रताप दे नाल दे हां !

असीं ज्यूंदे हां
असीं जागदे हां . . . . .

सच्चे मालक दे चरनीं असीं फुल्ल हुंदे
अहसान मुहब्बत नहीं साथों भुल्ल हुंदे
उंज बेली भावें महाकाल दे हां

असीं ज्यूंदे हां
असीं जागदे हां . . . . .

भोरा लग्गी अक्ख ज़रा सुस्ताउण लग्गे
कतूरे जुत्तियां चुक्क छुपाउण लग्गे
भुल्ल गए ओह दीवा कित्थे बालदे हां

असीं ज्यूंदे हां
असीं जागदे हां . . . . .

जेहड़े बदमाश शरीफ अखवाउंदे ने
पिट्ठ पिछ्छे जेहड़े लूतियां लाउंदे ने
उनां लई सूरमे अजीत डोभाल दे हां

असीं ज्यूंदे हां
असीं जागदे हां . . . . .

माता हीरा दा हीरा नरइंदर
छाती चौड़ी कड्ढ स्वर्गां च लिश्कदै दामोदर
अखे मापे असीं पुत्त कमाल दे हां

असीं ज्यूंदे हां
असीं जागदे हां . . . . .

दशमेश पिता दी अणख जगाउंदी ऐ
मौत डरदी ऐ साथों शरमाउंदी ऐ
असीं वारस अजीत जुझार दे हां

असीं ज्यूंदे हां
असीं जागदे हां . . . . .

कुझ भांडे – टींडे रुल गए सन
भूतरे डंगर किल्लयों खुल्ल गए सन
घर आपणा अज्ज मुड़ संभालदे हां

लोको शिवा प्रताप दे नाल दे हां
असीं ज्यूंदे हां
असीं जागदे हां !

●विक्रमी सम्वत् २०७३ शारदीय नवरात्र प्रथम दिवस शनिवार●

#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०-१७३१२

Language: Punjabi
123 Views
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