असली धन समझो यही, तन-मन सेहतवान(कुंडलिया)
असली धन समझो यही, तन-मन सेहतवान(कुंडलिया)
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असली धन समझो यही ,तन-मन सेहतवान
रोगों से जो बच गया ,जिसके मुख मुस्कान
जिसके मुख मुस्कान , वही है सबसे प्यारा
बीमारी सर्वत्र , सजग कब लेकिन हारा
कहते रवि कविराय , सलामत हड्डी – पसली
पड़ा नहीं बीमार ,धनिक वह समझो असली
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर( उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451