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10 Jun 2023 · 1 min read

अश्लीलता

सुंदरता की प्रतिस्पर्धा में, कपड़ो की अश्लीलता बताई जाती हैं।
यौवन की नग्नता से, जंगली भेड़ियों की लार टपकाई जाती हैं।
तब इन भेड़ियो को, अपनी बहन, बहु, बेटियाँ दिखाई देती है।
मरे को भेड़िया मुह नहीं लगता है, हेवान टुकड़ों में काट देता है।

धर्म -मजहब की आड़ में हैवान इंसानियत को जुगालते है।
दिन महिना कुछ सालों में, ये पिशाच कैसा यौवन पाते हैं।
जिन्दा की आबरू लूटते, मरने पर 30-40 टुकड़े काटे जाते हैं।
पकड़े जाने पर सहयोगी, यह मोहब्बत का मतलब समझाते हैं।

इन दरिंदों का तो, किसी धर्म मजहब से नहीं कोई नाता ह।
इंसानियत के दुश्मनों को, कानून सजा भी कहां दे पाता है।
सालों बाद में मिले फांसी तो, यह इस गुनहा की ये सजा नहीं है।
अब आपको ना भटकना है, इन दरिंदों को तुरंत ही लटकना है..

अनिल चोबिसा
स्वरचित रचना
चित्तौड़गढ़ (राज.)
9829246588

Language: Hindi
1 Like · 244 Views
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