अश्लीलता – गंदगी – रील
लोगों में आजकल कुछ अलग ही जुनून नजर आ रहा है
अच्छे अच्छे घर का सदस्य बस रील बना रहा है
अदाकारी चाहे आये या न आये उस को रील में
पता नहीं नुमाइश के लिए या पैसे के लिया बना रहा है !!
किस कदर शौक चढ़ आया है अश्लीलता का उनको
लगता है जैसे की वो अब कपड़ों से बाहर जा रहा है
क्या परोस रहा है और क्या परोस के जाएगा यहाँ से
मुझे लगता है शायद अपने ही माँ पिता के संस्कार दिखा रहा है !!
नंग्नता की सारी हदें रील बना बना के पार किये जा रहा है
जब यह दोनों अभिनीत हैं तो फिर रील कौन बना रहा है ?
पति ने पत्नी , बेटे ने माँ संग , घिनोना काम सीखा रहा है
कितना गिरोगे रिश्तों में , क्या समाज को यही सीखा रहा है ?
कोठे वाले कामों को अपनी निपुणता से सजा रहा है
यह किस समाज का बंदा है जो गंदगी फैला रहा है
दौलत और शोहरत की गन्दी लत में खुद को डुबो रहा है
संभल जा मानव , रोक इस को, क्यूँ तू बहके जा रहा है !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ