अश्क बहाते देखा
इतनी खुशी हुई उसे अश्क बहाते देखा
आज राहों मे उसे फूल बिछाते देखा
अपने मन की कभी किसी को नही बताई
अपने पीया को देख उसे दर्द सुनाते देखा
पायलों की उसके सुन छनछनाहट को
दिल मेरा ये जैसे हार ही जाते देखा
खिले चेहरे को देखा उसके तो अच्छा लगा
लम्बे अर्से बाद उसे गुनगुनाते देखा
गुमसुम बैठे रहा करती है जो हर वक्त
ख्वाब मे उसे मैंने मुझको सताते देखा
दिल उसका है बहुत साफ बिलकुल शांत
उसके मनाने से सभी रूठे मान जाते देखा