अश्को का अक्स नजर आया है
अक्सर खुद को खुद से फरेब करते पाया है
दिल मे कुछ जुबॉ को कुछ और कहते पाया है
ओस की बूंदो को जो देखा जी भर के
तो खुद के अश्को का ही अक्स नजर आया है
बह गए कितने किस्से उन अश्को की गली मे
हर किस्से मे तेरा वजूद नजर आया है
बारिश की बूंदे कह गई कुछ किस्से नूरानी
भीगे बिस्तर पर किस्सा तेरा ही नजर आया है
टूटते सितारे से कुछ भी मॉगू कैसे
खुद के सितारों को बेवजह टूटते हुए पाया है