अवाम का शायर
अपने आपको कितना
ख़ुदग़र्ज़ किया जाए!
कैसे गैरत के लहू को
अब सर्द किया जाए!!
ग़म-ए-जहां से अगर
कभी फूर्सत मिले तो!
गम-ए-दिल के बाबत
कुछ अर्ज़ किया जाए!!
#बहुजन #शायर #अवाम #सियासत #poet
#जनकवि #इंकलाब #बगावत #क्रांति #हक़
अपने आपको कितना
ख़ुदग़र्ज़ किया जाए!
कैसे गैरत के लहू को
अब सर्द किया जाए!!
ग़म-ए-जहां से अगर
कभी फूर्सत मिले तो!
गम-ए-दिल के बाबत
कुछ अर्ज़ किया जाए!!
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#जनकवि #इंकलाब #बगावत #क्रांति #हक़